मेरे सेहेन (आँगन) में खुला आसमान रहे
कि मैं उसे धूप छांव में बाँटना नहीं चाहता...।
कि मैं उसे धूप छांव में बाँटना नहीं चाहता...।
खावर एजाज़ का ये शेर है, जिसमें उन्हें अपने आँगन के खुले आसमान का बंटवारा तक गवारा नहीं और एक हम हैं कि दो मुल्कों को अलग किए बैठे हैं। ये सियासी तरकीबें हैं या कुछ और, इस बात पर कुछ भी कहना मुश्किल है। लेकिन, जहाँ एक तरफ हमें सिर्फ भारत और पाकिस्तान के बीच कड़वाहट नजर आती है, वहीं कुछ ऐसा भी है जो दोनों मुल्कों के बीच मोहब्बत को समेटे हुए है।
भले ही भारत और पाकिस्तान दो अलग-अलग मुल्क हैं, लेकिन फिर भी कई ऐसी समानताएं हैं जिन्हें देखकर एक पल के लिए मन में ये खयाल जरूर आता है कि पाकिस्तान में भी कुछ-कुछ तो भारत जैसा ही है। फिर बात बच्चों के चेहरे पर खिली मुस्कान हो या दोनों देशों में मौजूद मशहूर स्थान।
अच्छा सुनिए ना। इसी बहाने आप भी इन खूबसूरत तस्वीरों के जरिए देखिये एक सा भारत और पाकिस्तान।
ऐसा है भारत-पाकिस्तान
इस तस्वीर में दो चरवाहे अपने-अपने जानवरों की टोली के साथ आगे बढ़ रहे हैं। भेड़-बकरियों की टोली है और उसके बीच दो आदमी। लाल साफे में हिंदुस्तान है तो उधर कमर पर गमछा बांधे पाकिस्तान।
कला भी एक जैसी है
एक तरफ भारत में किसी स्ट्रीट आर्ट के नजदीक से गुजरती बुरके में एक औरत है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान की स्ट्रीट पर अपनी कला दिखाती एक लड़की। इस तस्वीर में भी दो मुल्क एक से ही हैं।
आगे की तस्वीर देखकर आप पहचान नहीं पाएंगे?
ताज महल और लाहौर किला
इस तस्वीर में एक तरफ ताज अपनी खूबसूरती बयान कर रहा है तो दूसरी तरफ लाहौर फोर्ट पर नजरें ठहर जा रही हैं। शायद ये गलत है कि इंडिया-पाकिस्तान अलग है।
इबादत भी एक सी
एक तरफ दिल्ली की जामा मस्जिद है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान की बादशाहो मस्जिद। भारत में भी इबादत का सलीका वैसा ही है जैसा की पाकिस्तान में।
दो मुल्कों की इस ख़ूबसूरती को नहीं देखा होगा, देखिए आगे।
मनमोहक झील
एक तरफ लद्दाख में पहाड़ों के बीच ढकी हुई झील है तो दूसरी तरफ खुला आसमान और सपाट सड़क के दोनों तरफ खड़े पाकिस्तान की हुंजा वैली के बड़े-बड़े पहाड़। यहाँ भी दो मुल्क एक से ही नजर आ रहे हैं।
जश्न मनाने का अंदाज एक सा
नृत्य और कला के तरीके अलग जरूर हो सकते हैं, लेकिन दोनों देशों में जश्न मनाने का अंदाज एक सा ही है। तस्वीर में जहाँ एक तरफ भारत का घूमर है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान का सूफी अंदाज।
इस समानता से आप होंगे अब तक अनजान।
भारत-पाकिस्तान का बचपन
बच्चियों का बचपन भारत में भी वैसा ही है, जैसा कि पाकिस्तान में। एक तरफ जयपुर की किसी गली में एक बच्ची लंगड़ी खेल रही है तो दूसरी तरफ लाहौर के किसी मोहल्ले में बच्ची रस्सी डाल रही है।
मुस्कान भी एक सी है
बच्चों के चेहरे पर मुस्कान इस बात की गवाही जरूर देती है कि मुल्क और सरहद के बीच की कड़वाहट से ये अछूते ही हैं। मासूम बचपन भारत में भी वैसा ही नजर आता है, जैसा कि पाकिस्तान में।
ढलती उम्र में दोनों मुल्कों के बुज़ुर्ग
एक तरफ भारत में एक बुज़ुर्ग अपने चेहरे आप मुस्कान सजाए बैठे हैं तो दूसरी तरफ पाकिस्तान में धीमी सी मुस्कान लिए एक बुज़ुर्ग अपने काम में व्यस्त हैं। क्या ये भी एक जैसा नहीं?
खेल भी एक से
दोनों देशों में क्रिकेट की दीवानगी एक जैसी ही है। हार-जीत तो खेल का नियम है लेकिन क्रिकेट का जूनून जैसा भारत में है वैसा ही पाकिस्तान में भी।
तो आगे कभी दोस्तों से बातचीत हो तो इस स्टोरी का जिक्र भी जरूर करना याद से।
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