पृथ्वी पर बहुत से जानवर, पशु, पक्षी और जीव-जन्तु हैं। सभी सहवास भी करते हैं। मगर आपने अधिकांश को खुलेआम सेक्स करते हुए नहीं देखा होगा। लेकिन कुत्तों के साथ यह समस्या जस की तस बनी हुई है। जी हां। कुत्ते तो बहुत पहले से यह काम खुले में करते नजर आते हैं। आखिर क्या है इसकी वजह?
क्या आपको पता है कि कुत्तों के द्वारा खुलेआम सहवास किए जाने को लेकर भी एक किवदंती है। इन लोककथाओं के मुताबिक कुत्ते, द्रौपदी के श्राप के कारण खुले में ही सहवास करते हैं। हालांकि इसका कोई प्रमाण नहीं है। फिर भी ऐसा कहा जाता है तो सभी मानते हैं।
बहरहाल, आज हम आपको बताएंगे इस श्राप के पीछे के कारण। एक पल के लिए तो आप खुद चौंक जाएंगे।
महाभारत काल की है बात
यह बात महाभारत काल की है। महाभारत में कौरव-पाण्डवों की बीच हुई 18 दिनों की लड़ाई के अलावा और भी बहुत कुछ है जो आप जानकर हैरान रह जाएंगे। इनमें कौरव-पाण्डव के जीवन से जुड़ी बातें भी शामिल हैं।
पाण्डवों के साथ शादी
स्वयंवर जीतने के बाद पाण्डव जब द्रौपदी को घर ले आए तो अर्जुन ने माता कुंती से कहा कि, 'देखिए माता हम क्या लाए हैं?' चूंकि कुंती भी किसी काम में व्यस्त थीं। ऐसे में उन्होंने बिना देखे ही कह दिया कि, 'जो भी लाए हो पांचों भाई बांट लो।' हालांकि बाद में जब उन्होंने द्रौपदी को देखा तो वो खुद हैरान थीं कि यह मैंने क्या कह दिया। अब पांडव तो अपनी मां की हर बात मानते थे। ऐसे में पांचों ने ही द्रौपदी को पत्नी के तौर पर स्वीकार कर लिया।
चलिए आगे जानते हैं कि द्रौपदी ने कुत्तों को श्राप क्यों दिया।
नियम बनाया
इसके बाद यह नियम बनाया गया कि द्रौपदी हर साल एक पाण्डव के साथ रहेंगी। दूसरा जब कभी भी द्रौपदी किसी भाई के साथ कमरे में होंगी तो कोई और उस कमरे में प्रवेश नहीं करेगा।
एकांत की पहचान
नियम के मुताबिक जब द्रौपदी जिस भाई के साथ एकांत कक्ष में रहती थीं तो उसकी चरण पादुकाएं कमरे के बाहर रखी होती थी। यह एक तरह का संकेत था कि द्रौपदी अपने पति के साथ कमरे में हैं। इस दौरान दूसरा कोई उस कमरे में प्रवेश ना करें।
आगे पढ़िए किसने देखा द्रौपदी को अंतरंग स्थिति में।
अर्जुन ने किया कक्ष में प्रवेश
एक बार द्रौपदी, युधिष्ठर के साथ कमरे में मौजूद थीं। तभी अचानक से अर्जुन कक्ष में प्रवेश कर गए और दोनों को अंतरंग अवस्था में देख लिया। युधिष्ठर और द्रौपदी ने अर्जुन से पूछा कि, 'क्या आपको कक्ष के बाहर रखीं युधिष्ठर की पादुकाएं नहीं दिखीं?' तो अर्जुन ने कहा कि,'नहीं'।
कुत्ता ले गया था पादुकाएं
जब युधिष्ठर, अर्जुन और द्रौपदी ने पादुकाएं खोजने की कोशिश की तो देखा कि पादुकाओं को एक कुत्ता उठाकर ले गया था। इससे द्रौपदी बेहद क्रोधित हुईं। तभी उन्होंने कुत्तों को श्राप दिया कि 'जिस तरह मुझे अर्जुन ने अंतरंग अवस्था में देख लिया है, उसी तरह तुम भी खुलेआम सहवास करोगे। लोग तुम्हें देखेंगे।'
अर्जुन को जाना पड़ा वनवास
बताया जाता है कि युधिष्ठर और द्रौपदी के कक्ष में जाने पर नियम के अनुसार अर्जुन को वनवास भी जाना पड़ा।
एक किवदंती यह भी
हालांकि अर्जुन के वनवास को लेकर एक कथा यह भी है कि, एक गरीब व्यक्ति रोता हुआ अर्जुन के पास आया और बोला, 'डाकू मेरी गाय ले गए। मेरी मदद कीजिए।' अब सारे अस्त्र-शस्त्र तो युधिष्ठर के कक्ष में थे। ऐसे में अर्जुन बिना देर किए कमरे में प्रवेश कर गए। अब चूंकि अर्जुन ने युधिष्ठर और द्रौपदी को देख लिया था। ऐसे में उन्हें वनवास के लिए जाना पड़ा।
कुत्ते करते हैं खुले में सहवास
दंतकथाओंं और किवदंतियां में कुत्तों के खुलेआम सहवास करने की वजह द्रौपदी का श्राप बताया जाता है। कुछ जगह लोककथाओं में कहा जाता है कि युधिष्ठर और द्रौपदी को अंतरंग अवस्था में भीम ने देखा था।
तो ये हैं कारण
अर्जुन के वनवास की कहानी जो भी हो मगर दंतकथाओं में तो कुत्तों के खुलेआम सहवास का कारण द्रौपदी का श्राप बताया जाता है।
सोर्स- स्पीकिंगट्री
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