Monday, 6 November 2017

प्राचीनकाल में ये राजा खुले में ही बना लेते थे संबंध, जानिए ऐसी ही कुछ रोचक बातें

प्राचीनकाल में ये राजा खुले में ही बना लेते थे संबंध, जानिए ऐसी ही कुछ रोचक बातें
शारीरिक संबंध बनाना सभी प्राणियों की जरूरत है। यह हम सभी जानते हैं। लेकिन फिर भी हम इस विषय पर खुलकर बात नहीं करते हैं। प्राचीनकाल में कई कुप्रथाएं थी, जिन्हें आज खत्म कर दिया गया है। लेकिन संबंधों की बात करें तो इस मामले में हमारे पूर्वज हमसे ज्यादा खुले विचारों वाले थे। 
आज हम जानवरों को खुले में संबंध बनाते हुए देखते हैं। लेकिन उस दौर में इंसान भी बिंदास खुले में संबंध बनाते थे। जी हां। यह सच है। 'महाभारत' और 'ऋगवेद' जैसे ग्रंथों में उस दौर में संबंध बनाने को लेकर होने वाली बातों का जिक्र मिलता है। यदि स्त्री और पुरुष के बीच आपसी सहमति है तो इस तरह के रिश्ते रखने में कोई हर्ज नहीं था। साथ ही शादीशुदा जोड़े भी समान रूप से इसका आनंद लेते थे।   
हम सभी जानते हैं कि भारत भूमि ही कामसूत्र की जननी है। हमारे देश में खजुराहों और कोणार्क मंदिर में लगी मूर्तियां भी यही दर्शाती हैं। ये सभी प्राचीन भारत का आईना है। आज हम आपके लिए ऐसे ही कुछ उदाहरण लेकर आए हैं जिनके बारे में जानने के बाद आपको भी ऊपर लिखी बातों पर यकीन हो जाएगा। 

ऋषि ने बनाए संबंध 

ऋषि ने बनाए संबंध 
'महाभारत' के आदि पर्व के चैप्टर 63 के अनुसार ऋषि पराशर मछुआरे की बेटी सत्यवती मत्स्यगंधा की सुंदरता पर मोहित हो गए थे। इसके बाद उन्होंने खुले में ही संबंध बना लिए थे।

बाद में हुई राजा से शादी 

बाद में हुई राजा से शादी 
पराशर और सत्यवती को एक पुत्र व्यास भी हुआ था। लेकिन बाद में सत्यवती ने राजा शांतनु से विवाह किया था। इसका अर्थ उस दौर में भी कुंवारे रहते हुए भी संबंध बनाए जा सकते थे। 
यह मशहूर राजा भी लोगों के सामने बनाता था संबंध। 

लोगों के बीच शुरू 

लोगों के बीच शुरू 
आदिपर्व के अध्याय 104 में जिक्र मिलता है कि राजा उत्थत का बेटा दीर्घतम लोगों के सामने ही एक महिला के साथ संबंध बनाने लगा था। 

महाराजा रणजीत सिंह का नाम भी शामिल 

महाराजा रणजीत सिंह का नाम भी शामिल 
यह भी दावा किया जाता है कि महाराजा रणजीत सिंह अपने अधिकतर संबंध खुले में लोगों के सामने ही बनाते थे। उन्हें सितारों के नीचे संबंध बनाने में बहुत आनंद आता था। 
इस खेल में बनाते थे यौन संबंध। 

खेल-खेल में बनाते थे संबंध 

खेल-खेल में बनाते थे संबंध 
बाजीराव के समय में 'घटकंचुकी' नाम का खेल खेलते थे। इस खेल के अंतर्गत कुछ महिलाएं और पुरुष एक स्थान पर एकत्रित होते थे। इसके बाद महिला अपने कपड़े उतारकर बीच में रखती थी। फिर जो पुरुष जिस महिला के कपड़े उठाता था वो उसके साथ संबंध बनाता था। यह तब तक होता था, जब तक हर महिला, हर पुरुष से संबंध न बना ले।

महिला की कामना हो पूरी 

महिला की कामना हो पूरी 
महाभारत काल में उलूपी ने अर्जुन से कहा था कि आपसी सहमति से किसी महिला के साथ संबंध बनाना धर्म के खिलाफ नहीं है। उसने यह भी कहा था कि यदि कोई अविवाहित स्त्री संबंध बनाने की इच्छा रखती है तो इसे पूरा किया जाना चाहिए। 
इस पुत्री ने बनाये पिता से संबंध। 

पिता से संबंध 

पिता से संबंध 
महाभारत के अनुसार ऋषि वशिष्ठ की बेटी शतपुरा उन्हें अपना पति मानती थीं, इसलिए उसने उनके साथ भी संबंध बनाए थे।

स्त्रियों की बिक्री 

स्त्रियों की बिक्री 
महाभारत में कर्ण अंगदेश के राजा थे। यहां खुले आम महिलाओं और बच्चों को सेक्स के लिए बेचा जाता था।
यह बहन, भाई के साथ बनाना चाहती थी संबंध।  

यम और यामी 

यम और यामी 
ऋग्वेद के अनुसार यम की बहन यामी अपने भाई के सामने उससे संबंध बनाने की इच्छा जाहिर करती है। यम उसे मना कर देते हैं तो वो नाराज होकर कहती है कि एक भाई को अपनी बहन को हमेशा खुश रखना चाहिए। 

दो भाइयों की एक पत्नी

दो भाइयों की एक पत्नी
जिस तरह द्रौपदी पांच भाइयों की पत्नी थीं। उसी तरह अश्विनी भाइयों ने सूर्य देवता की बेटी को जीता था और वो दोनों की पत्नी बनीं। 

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