Monday, 6 November 2017

'पद्मावती' देखने से पहले अलाउद्दीन खिलजी के बारे में जान लीजिए ये दिलचस्प बातें

'पद्मावती' देखने से पहले अलाउद्दीन खिलजी के बारे में जान लीजिए ये दिलचस्प बातें
भारत का इतिहास अनसुनी कहानियों से भरा हुआ है। ये कहानियां इतनी रोचक है कि जब भी कोई इसे जानने की कोशिश करता है तो एक के बाद एक परत खुलती जाती है। यही इसे और भी ज्यादा दिलचस्प बनाती है। तभी तो बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर संजय लीला भंसाली इतिहास के खजाने से हमारे लिए नायाब कहानियां निकालकर लाते हैं। फिर उन पर ऐतिहासिक फिल्में बनाते हैं। 
जैसे उन्होंने 'बाजीराव-मस्तानी' में पेशवा बाजीराव और मस्तानी बाई की प्रेम कहानी दिखाई थी। ठीक उसी तरह इस बार वो दर्शकों के लिए लेकर आए हैं 'पद्मावती' की कहानी।  
दिसंबर में रिलीज होने वाली इस फिल्म के लिए फैंस की बेताबी ट्रेलर को देखने के बाद और भी ज्यादा बढ़ गई है। खासतौर पर रणवीर सिंह द्वारा निभाया गया अलाउद्दीन खिलजी का किरदार फैंस के मन में उत्सुकता पैदा कर रहा है। हमने भी इसी विषय पर कुछ जानकारी जुटाई है। आप भी पढ़िए। यह रोचक है।

अलाउद्दीन खिलजी 

अलाउद्दीन खिलजी 
खिलजी वंश के संस्थापक और अलाउद्दीन खिलजी के ससुर 'जलालुद्दीन खिलजी' की हत्या के बाद दिल्ली के सुल्तान के रूप में अलाउद्दीन खिलजी को सिंहासन पर बैठाया गया था। उसने 1296 से 1316 तक करीब 20 साल तक दिल्ली पर राज किया। 

दूसरा एलेक्जेंडर 

दूसरा एलेक्जेंडर 
अलाउद्दीन खिलजी की गिनती भी बेहतरीन शासकों में होती थी। उसे 'एलेक्जेंडर द्वितीय' के नाम से भी जाना जाता था। जानकारी के मुताबिक खिलजी को 'सिकंदर-ए-सानी' के खिताब से भी नवाजा गया था।
पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी की कहानी, आगे जानते हैं। 

बेहतरीन शासक 

बेहतरीन शासक 
अलाउद्दीन खिलजी के बेहतरीन शासक होने का सबूत इसी बात से मिल जाता है कि उसने अपने काल में गुजरात, मेवाड़, मालवा, जालोर, वारंगल को जीतकर अपने राज्य का विस्तार किया था।  

पद्मावती के प्रति आकर्षण 

पद्मावती के प्रति आकर्षण 
रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच की इस कहानी को मलिक मुहम्मद जायसी ने अपने काव्य 'पद्मावत' में बड़ी खूबसूरती से बयां किया है।
अलाउद्दीन खिलजी के बाइसेक्शुअल होने के तथ्य को आगे जानते हैं।

सेक्शुअलिटी पर सवाल 

सेक्शुअलिटी पर सवाल 
कई ऐतिहासिक तथ्य ये साबित करते हैं कि खिलजी उन लोगों में से था जिसे पुरुष और महिला दोनों के साथ संबंध बनाने में दिलचस्पी थी। इसकी एक कड़ी तो उसके करीबी मलिक काफूर से जुड़ी हुई थी। 

मलिक की ओर आकर्षित होकर उसे खरीदा 

मलिक की ओर आकर्षित होकर उसे खरीदा 
एक बार जब अलाउद्दीन खिलजी 'बच्चा बाजी' के बाजार में निकला तो उसकी नजर मलिक काफूर पर पड़ी और वो उसके प्रति आकर्षित हो गया। इसके बाद खिलजी ने काफूर को खरीद लिया। बताया जाता है कि दोनों के गहरे संबंध थे।    
अलाउद्दीन खिलजी के मुग़ल हरम में क्यों थे 70,000 से अधिक लोग, आगे जानते हैं।

मुग़ल हरम

मुग़ल हरम
अपने बाइसेक्शुअल व्यवहार की वजह से ही अलाउद्दीन खिलजी, एकाएक रानी पद्मावती की ओर आकर्षित हुआ था। ऐसा बताया जाता है कि खिलजी के मुग़ल हरम में उसकी सेक्शुअल जरूरतों को पूरा करने के लिए 70,000 से ज्यादा मर्द, औरतें और बच्चे थे।

रानी पद्मावती के प्रति मोहित 

रानी पद्मावती के प्रति मोहित 
भारत के कई हिस्सों पर कब्जा करने के बाद खिलजी की नजर चित्तोड़ के किले और रानी पद्मावती की सुंदरता पर टिक गई थी। इसके लिए खिलजी ने वहां के राजा रतन सिंह के साथ संधि करने की सोची।
किस तरह जौहर की आग में कूद गई पद्मावती, आगे जानते हैं।

चित्तोड़ पर हमला

चित्तोड़ पर हमला
लेकिन चित्तोड़ के महाराजा रतन सिंह ने उसके इस प्रस्ताव तो ठुकरा दिया। इसके बाद खिलजी ने चित्तोड़ पर हमला कर दिया। जंग में राजा रतन सिंह की मृत्यु हो गई। बाद में खिलजी, चित्तोड़ की ओर बढ़ने लगा।

पद्मावती ने किया जौहर 

पद्मावती ने किया जौहर 
अपने पति राजा रतन सिंह की मृत्यु के बाद पद्मावती और अन्य महिलाओं को अलाउद्दीन खिलजी का दास बनना नामंजूर था। ऐसे में उन्होंने जौहर कर जान दे दी। कहा जाता है कि उन महिलाओं की चीखों ने अलाउद्दीन का सुख चैन छीन लिया था।  
तो कुछ ऐसी थी इनकी स्टोरी। आगे भी हम आपके लिए ऐसी ही कुछ स्टोरी लेकर आते रहेंगे। 

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