मुगल शासकों के बारे में तो आपने सुना ही होगा। इतिहास में रुचि न रखने वाले भी अकबर, जहांगीर (सलीम) और शाहजहाँ से तो परिचित ही हैं।
मुग़लों ने भारत में 400 सालों तक शासन किया था। इस दौरान इन्होनें कई यादगार निर्माण भी करवाए। इनमें ताजमहल, लाल किला, जामा मस्जिद और हुमायूँ का मकबरा जैसी कई धरोहरें शामिल हैं। चूंकि अब तो देश में कोई मुग़ल शासक बचा नहीं है। इसलिए कई लोगों को तो यही लगता होगा कि मुग़लों की अब बस यही यादें बाकी हैं। यदि आपको भी अभी तक ऐसा ही कुछ लग रहा था तो आप बिल्कुल गलत हैं।
आज भी देश में मुग़लों के वंशज मौजूद हैं। ये आज भी उसी शाही अंदाज में अपना जीवन बसर कर रहे हैं और इन्हें समाज में बहुत सम्मान भी मिलता है।
तो चलिए आपको बताते हैं मुग़लों के इस वंशज से जुड़ी कुछ खास बातें।
आखिरी मुग़ल सम्राट
बहादुर शाह जफर भारत पर शासन करने वाले आखिरी मुग़ल सम्राट थे। उनका इंतकाल सन 1862 में हुआ था। उनके 49 बच्चों में से केवल एक ही बेटा अंग्रेजों के हाथों से बचकर काठमांडू भाग पाया था और बाद में हैदराबाद आकर बस गया था।
मौजूदा मुग़ल वंशज

आज हम मुग़लों के जिस वंशज की बात कर रहे हैं उनका नाम प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी है। तूसी, बहादुर शाह जफ़र के छठे वंशज और पड़पोते हैं।
रहते हैं यहां
प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी फिलहाल हैदराबाद में रह रहे हैं। इनका जन्म 1 जनवरी 1969 में हैदराबाद में हुआ था। उन्होंने अपनी पूरी पढ़ाई भी इसी शहर से ही की है।
यह है परिवार

प्रिंस याकूब ने 1997 में प्रिंसेस हुमैरा फातिमा से निकाह किया था। इस मुग़ल वंशज के 3 बेटे और 2 बेटियां हैं। इनके सबसे बड़े बेटे की उम्र 19 साल और सबसे छोटी बेटी की उम्र 8 साल है।
मिल चुकी है कानूनी पहचान
बता दें कि हैदराबाद की सिविल कोर्ट प्रिंस तूसी को कानूनी रूप से मुग़लों का वंशज घोषित कर चुकी है। साथ ही उज्बेकिस्तान की सरकार ने भी प्रिंस को मुग़लों का वंशज करार दिया है।
यह है दूसरा अंदाज
अब तक की तस्वीरों को देखकर आपको लग रहा होगा कि प्रिंस तूसी हमेशा ही मुग़लों के अंदाज में ही रहते हैं तो ऐसा नहीं है। एक इंटरव्यू में प्रिंस ने कहा था कि वे कुछ खास मौकों पर मुग़लों की शान कायम करने के लिए शाही लिबास और टोपी पहनते हैं। यूं तो उन्हें पेंट-शर्ट और जींस-टी शर्ट में भी देखा जा सकता है।
एक अंदाज़ यह भी

प्रिंस तूसी बहुत ज्यादा सोशल है। उन्हें अक्सर ही मुग़लों की किसी धरोहर को विजिट करते देखा जा सकता है। प्रिंस हर साल ताजमहल भी जाते हैं।
चाहते हैं भारत रत्न
खबरों की मानें तो प्रिंस तूसी चाहते हैं कि मुग़लों के आखिरी शासक बहादुर शाह जफ़र को भारत रत्न से नवाजा जाए। इसके लिए वे कई बार केंद्र सरकार से दरख्वास्त भी कर चुके हैं।
धरोहरों की देखभाल को लेकर भी प्रयास
प्रिंस तूसी जब भी मीडिया में कोई इंटरव्यू देते हैं तो मुग़लों द्वारा बनवाई गई ऐतिहासिक मॉन्यूमेंट्स की देखभाल का मुद्दा जरूर उठाते हैं। वो सरकार से भी इस बारे में कई बार शिकायतें कर चुके हैं। ताजमहल पर दिए गए ताजा बयान पर भी उन्होंने गुस्सा जताया था।
हिंदू-मुस्लिम एकता पर भरोसा
प्रिंस तूसी जितनी शिद्दत से मजार में जाते हैं, उतनी ही श्रद्धा से मंदिरों में भी जाते हैं। उनके अनुसार मुग़ल हमेशा से ही हिंदू-मुस्लिम एकता पर जोर देते आए हैं।
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